Rajasthan’s folk goddesses राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां

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jin mata ji

Rajasthan’s folk goddesses राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां

(1) Karni Mata.(करणी माता)

Country nozzle (Bikaner) is the Karni Mata Temple. Chuhon the Karni Mata is also known as the Goddess. And the Goddess of the Rathore clan of Bikaner Karni Mata. The Karni Mata temple has been provided by Karan Singh. This temple was built by Maharaja Ganga Singh Purnirman. Pandit – bard of society are individual.

देश नोक (बीकानेर) में करणी माता का प्रसिद्ध मंदिर है। ओर करणी माता चुहों वाली देवी के नाम से भी प्रसिद्ध है। तथा करणी माता बीकानेर के राठौड़ वंश की कुल देवी  है।

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ओर करणी माता के मंदिर का निर्माण कर्ण सिंह के द्वारा करवाया गया है। ओर इस मंदिर का पूर्निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था ।

पंडित – चारण समाज के व्यक्ति होते है।

Kaaba is called the Karni Mata white rat

करणी माता के सफेद चूहे को काबा कहते है।

During the month of Ashwin and Chaitra Navratra fair is the Karni Mata.

चैत्र व आश्विन माह के नवरात्रों के दौरान करणी माता का मेला लगता है।

(2).     Jeen Mata (जीण माता)

Jeen Mata temple Rewasa grams (Sikar) staff. Jeen Mata is the deity of Ajmer Cahanon. Jeen Mata temple and a half cup of the wine offerings are custom designed by the Htd Jeen Mata temple. Folk songs are the most lengthy and Jeen Mata.

जीण माता मंदिर रेवासा ग्राम (सीकर) में स्थित है। ओर जीण माता अजमेर के चैहानों की कुलदेवी है। तथा जीण माता मंदिर मे ढाई प्याले शराब चढ़ाने की प्रथा हैं ओर जीण माता मंदिर का निर्माण हटड़ द्वारा बनाया गया है। तथा जीण माता का लोकगीत सर्वाधिक लम्बा होता हैं

In the month of Chaitra and Ashwin seems fair Jeen Mata. Meena tribes and most participate in the fair.

जीण माता का  मेला चैत्र व आश्विन माह में लगता है। तथा मीणा जनजाति के लोग मेले मे सर्वाधिक  भाग लेते है।

(3).     Kaila Devi (कैला देवी)

Kaila Devi Mata temple is situated in Karauli. Kaila Devi is the Mother Goddess of the Yadav dynasty. And Kaila Devi, mother of the famous devotional song Languria Fair is the major attraction.

कैला देवी माता का मंदिर करौली में स्थित है। ओर कैला देवी माता यादव वंश की कुल देवी  है। तथा कैला देवी माता का प्रसिद्ध भक्ति गीत लांगूरिया  मेले का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।

(4).     Variola mother (शीतला माता)

Sheetla Mata Temple Chaksu (Jaipur) staff. The goddess of smallpox variola mother’s name, mother’s name is well-known children’s Lord and Sedhl. And variola is worshiped as the mother of the missing statue. Madosinh II by the variola Mata temple is built.

शीतला माता का मंदिर चाकसू (जयपुर) में स्थित है। ओर शीतला माता के उपनाम चेचक की देवी, बच्चों की पालनहार व सेढ़ल माता के नाम प्रसिद्ध है। तथा शीतला माता की खण्डित मूर्ति के रूप में पूजी जाती है। ओर शीतला माता के मंदिर का निर्माण माधोसिंह द्वितीय द्वारा बनाया गया है।

Mother’s vehicles are variola ass

शीतला माता का वाहन गधा हैं

Pandit -kumhar society are individual

पंडित -कुम्हार समाज के व्यक्ति होते है।

Variola mother Basdia offerings (food made on the night) are made of. Variola eighth day of Chaitra Krishna Mata Fair is held. Eighth day of Chaitra Krishna Gudla Marwar festival is held.

शीतला माता का प्रसाद बासडिया (रात्रि मे बना भोजन) का  बनाया जाता हैं।

चैत्र कृष्ण अष्टमी  के दिन शीतला माता मेला का आयोजन होता है।

चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन मारवाड़ में घुडला पर्व आयोजन होता है।

Variola mother
Variola mother

(5).     Shakambhari mother  (शाकम्भरी माता)

Shakambhari Mother’s Temple Udaipur Wati (Jhunjhunu) staff. Khandelwal society Shakambhari mother goddess of the total. And the mother’s surname Shakambhari herbicide / vegetable protector goddess.

शाकम्भरी माता का मंदिर उदयपुर वाटी (झुनझुनु) में स्थित है। ओर शाकम्भरी माता खण्डेलवाल समाज की कुल देवी हैं। तथा शाकम्भरी माता के उपनाम शाक /सब्जियों की रक्षक देवी है।

Mother Goddess is also Shakambhari Cahanon.

शाकम्भरी माता चैहानों की भी कुल देवी है।

Another temple of Mata Shakambhari Sambhar (Jaipur) staff.

शाकम्भरी माता  का अन्य एक मंदिर सांभर (जयपुर) में स्थित है।

(6).  Shila Devi      (शीला माता)

Shila Devi Temple of Amber (Jaipur) staff. Sheila is the mother’s surname Annapurna Devi. And Sheila Mata temple is built by first Kchcwah ruler Man Singh. Head of the Shila Devi temple is present in the Amber Fort. Shila Devi and Kedarnath sculpture (ruler of Bengal) was brought from

शीला माता का मंदिर आमेर (जयपुर ) में स्थित है। ओर शीला माता का उपनाम अन्नपूर्णा देवी है। तथा शीला माता के मंदिर का निर्माण कच्छवाह शासक मानसिंह प्रथम द्वारा बनाया गया है। ओर शीला माता का प्रमुख मंदिर आमेर के किले में विधमान है। तथा शीला माता की मूर्ति केदारनाथ (बंगाल का शासक) से लाई गई थी।

Sheila mother as offering – ‘Champagne’, water etc. are offered the choice of the man. शीला माता को प्रसाद के रूप – ‘शराब’ , जल आदि भक्त की इच्छानुसार चढ़ाया जाता हैं।

(7).     Rani Sati Mata  (राणी सती माता)

 Rani Sati Mata temple is located in Jhunjhunu. Rani Sati Mata is also the grandmother’s surname. Rani Sati Mata is the actual name of the Narayani Bai Agarwal. Tndndas Rani Sati is the name of the mother’s husband. And Rani Sati Mata’s family was Satian 13.

राणी सती माता का मंदिर झुनझुनू में स्थित है। ओर राणी सती माता का उपनाम दादी जी  भी है। तथा राणी सती माता का वास्तविक नाम नारायणी बाई अग्रवाल है। ओर राणी सती माता के पति का नाम तनधनदास है। तथा राणी सती माता के परिवार में 13 सतियां हुई थी ।

Rani Sati Mata Fair is held on Bhadrapad moon.

राणी सती माता का मेला भाद्रपद अमावस्या को  आयोजित होता है।

In 1988, the state government had banned the Rani Sati Mata Menle!

1988 में राज्य सरकार द्वारा राणी सती माता के मेंले पर रोक लगा दी थी !

(8). Narayani Mata (नारायणी माता)

Barkha dungaree Narayani Mata Mandir, Rajgarh tehsil (Alwar) is located in. Society as a total of the mother goddess Narayani.

नारायणी माता का मंदिर बरखा डूंगरी, राजगढ़ तहसील (अलवर) मे स्थित है। ओर नारायणी माता नाई समाज की कुल देवी  हैं।

Aradhy mother Narayani Devi Meena community is considered.

नारायणी माता मीणा समाज की अराध्य देवी भी मानी जाती है।

राजस्थान की प्रमुख  अन्य लोक देवियां (Rajasthan’s other folk goddesses)

 आई माता – बिलाडा (जोधपुर) जिले  में स्थित है।

तनोटिया माता- तन्नौट (जैसलमेर) जिले  में स्थित है।

ब्रह्माणी माता – सोरसण (बांरा) जिले  में स्थित है।

स्वागिया माता – जैसलमेर जिले  में स्थित है।

सच्चिया माता- औंसिया (जोधपुर) जिले  में स्थित है।

आवड़ माता- भू-गांव (जैसलमेर)  नाडौल पाली, जिले  में स्थित है।

छींक माताजयपुर जिले  में स्थित है।

छीछं माता – बांसवाड़ा जिले  में स्थित है।

हिचकी माता – सरवाड़ (अजमेर) जिले  में स्थित है।

अम्बिका माता – जगत (उदयपुर) जिले  में स्थित है।

क्षेमकारी माता- भीनमाल (जालौर) जिले  में स्थित है।

सुभद्रा माता -भाद्राजूण (जालौर) जिले  में स्थित है।

खूबड़ माता – सिवाणा (बाड़मेर) जिले  में स्थित है।

बाण माता – उदयपुर जिले  में स्थित है।

नागणेची माता – नगाणा गांव (बाडमेर) जिले  में स्थित है।

बिखडी माता – उदयपुर

सुंन्धा माता -सुन्धा पर्वत (जालौर)

घेवर माता – राजसमंद

चार भुजा देवी – खमनौर (राजसमंद)

पीपाड़ माता- ओशिया (जोधपुर)

आमजा माता – केलवाडा (उदयपुर)

कुशाल माता- बदनोर (भीलवाडा)

जिलाडी माता – बहरोड़ (अलवर)

चैथ माता – चैथ का बरवाडा (स.धो)

हर्षत माता – आभानेरी (दौसा)

मनसा देवी – (चुरू)

आवरी माता- निकुम्भ (चित्तौड़गढ) लकवे के रोगियां का उपचारकत्र्ता देवी

भदाणा माता – कोटा

भांवल माता – नागौर

भंवर माता- छोटी सादडी (प्रतापगढ)

सीता माता- बडी सादडी (चित्तौड़गढ)

दधिमति माता- गोठ मांगलोद (नागौर)

हींगलाज माता – नारलाई (जोधपुर)

त्रिपुरा सुन्दरी माता /तरतई माता/त्रिपुरा महालक्षमी -तलवाडा (बांसवाडा)

उन्टाला माता – वल्लभ नगर (उदयपुर)

भद्रकाली माता – हनुमानगढ़

मगरमण्डी माता – नीमाज (पाली)

विरात्रा माता – बाड़मेर

कुण्डालिनी माता- राश्मी (चित्तौड़गढ)

जमुवाय माता-जमवारामगढ़ (जयपुर) कच्छवाह वंश की कुल देवी।

धूणी माता -डबोक (उदयपुर)

सेणी माता – जोधपुर

बिजासणी माता – लालसौट (दौसा)

सुगाली माता- आउवा (पाली)

आसपुर माता – आसपुर तह. (डूंगरपुर)

बडली माता-चित्तौड़गढ़ छीपों का अंकोला (बेडचनदी के किनारे)

जोगणिया माता – भीलवाडा

लटियाल भवानी -जोधपुर-कल्ला समाज की कुल देवी। इन्हे खेजड़अेरी राय भवानी भी कहते है।

खोडिया देवी – जैसलमेर

सीमलमाता- बसंतगढ़ (बाड़मेर)

अधर देवी /अर्बुदा देवी – माऊंट आबू

राणी भटियाणी – जसौल (बाडमेर)

नगटी माता – जयपुर

महामाई माता- रेनवाल (जयपुर)

ज्वाला माता – जोबनेर (जयपुर) खंगारातो की कुल देवी

पोकरण वाली आसपुर माता बिस्सा समाज की कुल देवी है।

त्रिपुरा सुन्दरी पांचाल जाति की कुल देवी है।

 

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