Rivers of Rajasthan राजस्थान की नदियां

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Rivers of Rajasthan राजस्थान की नदियां

Most of the Rajasthan desert, so there is a special significance Ndiyon. West is in part a result of the lack of irrigation means also increases the importance of the Ndiyon. Rivers was of particular importance since ancient times | Rajasthan Watershed line of the great work done by the Aravalli mountain range. Aravali mountain rivers flow east or west and provenance “Aravali” the mountain range

राजस्थान का अधिकांश भाग रेगिस्तानी है अतः वहां नदीयों का विशेष महत्व है। पश्चिम भाग में सिचाई के साधनों का अभाव है परिणाम स्वरूप यहां नदीयों का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। प्राचीन समय से ही नदियों का विशेष महत्व रहा |राजस्थान में महान जलविभाजक रेखा का कार्य अरावली पर्वत माला द्वारा किया जाता है। अरावली पर्वत के पूर्व न पश्चिम में नदियों का प्रवाह है और उनका उद्गम “अरावली” पर्वत माला है

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(1) चम्बल नदी -(चर्मण्वती,नित्यवाही,सदानिरा,कामधेनू)

The ancient name of the river is Charmawati. At some places this is called as Kamdhenu also. Mhow in Madhya Pradesh in the south of the river near Manpur Jnapav hill (966 meters high) originates from the northern flank of the Vindyan edges. Your Udgm 325 kilometers from the site of a long narrow path toward the north, near the high-speed flow caused Chaurasigdh enters Rajasthan. Approximately 113 kilometers from the quota determines a Garj blow.Chambal River near Buffalo Rodgdh Culia renowned waterfall. This river of Rajasthan Kota, Bundi, Sawai Madhopur and Dholpur districts of Uttar Pradesh’s Etawah district Muradganj flowing Yamuna is in place. Of Rajasthan is the only river that flows Salonbr. The river Gandhi Sagar, Rana Pratap Sagar and Jawahar Sagar and Kota Barrage Dam are made. These dams are the major source of irrigation and electrical energy.The main tributaries of the Chambal black, Sindh, Parvati, Banas, Kurai and is Bamni. 9. The total length of the river is 65 kilometers. Flows 376 kilometers in Rajasthan.

इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (966 मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से 250 किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग 135 किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी राजस्थान के कोटा, बून्दी, सवाई माधोपुर व धौलपुर जिलों में बहती हुई उत्तर-प्रदेश के इटावा जिले मुरादगंज स्थान में यमुना में मिल जाती है। यह राजस्थान की एक मात्र ऐसी नदी है जो सालोंभर बहती है। इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं। ये बाँध सिंचाई तथा विद्युत ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। चम्बल की प्रमुख सहायक नदियों में काली, सिन्ध, पार्वती, बनास, कुराई तथा बामनी है। इस नदी की कुल लंबाई ९६५ किलोमीटर है। यह राजस्थान में कुल 376 किलोमीटर तक बहती है।

सहायक नदियां : पार्वती, कालीसिंध, बनास, बामनी, पुराई

इस परियोजना में चार बांध भी बनाए गये

1 Gandhi Sagar (MP) गांधी सागर बांध (म.प्र.)

2 Rana Pratap Sagar Dam (Citod,raj.) राणा प्रताप सागर बांध (चितौड़,राज.)

3  Jawahar Sagar Dam (quota rule.) जवाहर सागर बांध (कोटा,राज.)

4 Dam irrigation quota (quota rule.) कोटा सिचाई बांध (कोटा, राज.)

(2) Kali Sindh

It is a tributary of Chambal. The river near Dewas in Madhya Pradesh Bagli village Udgm site. Kud after flowing away in Madhya Pradesh districts of Rajasthan Kota, Jhalawar and flows. Finally it Nonera (Brn) is released into the Chambal River near the village. Its total length is 278 kilometers.

(2) काली सिंध

यह चंबल की सहायक नदी है। इस नदी का उदगम् स्थल मध्य प्रदेश में देवास के निकट बागली गाँव है। कुध दूर मध्य प्रदेश में बहने के बाद यह राजस्थान के झालावाड़ और कोटा जिलों में बहती है। अंत में यह नोनेरा (बरण) गांव के पास चंबल नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 278 किलोमीटर है।

(3) Banas River

Banas river, which is the only perfect circle meets in Rajasthan. Banas Bnaas ie ie (One Hope), known as the river of Udaipur district in the hills of the Aravali ranges Kmnaur originates near Kumbhalgarh. This Nathdwara, Kankroli, Rajsamand and Bhilwara districts flowing tonk, near Rameswaram after Sawai Madhopur (Sawai Madhopur) falls into the Chambal. Its length is about 480 kilometers

There are two dams on the river below:

(A) Bisalpur Dam (town Todaraisingh Tonk)

(B) Isrda dam (Sawai Madhopur)

(3) बनास नदी

बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। बनअआस अर्थात बनास अर्थात (वन की आशा) के रुप में जानी जाने वाली यह नदी उदयपुर जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। यह नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम के नजदीक (सवाई माधोपुर) चंबल में गिर जाती है। इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है।

इस नदी पर दो बांध बनाए गए हैः-

(अ) बीसलपुर बांध (टोडारायसिंह कस्बा टोंक)

(ब) ईसरदा बांध (सवाई माधोपुर)

इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध है। (i )बेडच नदी 120 किलोमीटर लंबी है तथा गोगंडा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है। (ii )कोठारी नदी उत्तरी राजसामंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह 145 किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है।
(
iii) खारी नदी 60 किलोमीटर लंबी है तथा राजसामंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के नजदीक बनास में मिल जाती है।

(4) Banganga –

Varath of the river from the hills of Jaipur is Udgm site. Its total length is 380 km and the Sawai Madhopur, Bharatpur flows after finally Fteha (Agra) is near the Yamuna. By creating a dam on the river near Ramgarh Jaipur drinking water supplies.

(4) बाणगंगा

इस नदी का उदगम् स्थल जयपुर की वैराठ की पहाड़ियों से है। इसकी कुल लंबाई 380 किलोमीटर है तथा यह सवाई माधोपुर, भरतपुर में बहती हुई अंत में फतेहा बाद (आगरा) के समीप यमुना में मिल जाती है। इस नदी पर रामगढ़ के पास एक बांध बनाकर जयपुर को पेय जल की आपूर्ति की जाती है।

(5) Parvati river –

It is a tributary of Chambal. The site Udgm MP Vindyan class flows from the mountains and the North Slope. The river Krya Hut (quota) location near Bundi district of Rajasthan enters and flows falls into the Chambal.

(5) पार्वती नदी

यह चंबल की एक सहायक नदी है। इसका उदगम् स्थल मध्य प्रदेश के विंध्यन श्रेणी के पर्वतों से है तथा यह उत्तरी ढाल से बहती है। यह नदी करया हट (कोटा) स्थान के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है और बून्दी जिले में बहती हुई चंबल में गिर जाती है।

(6) गंभीरी नदी

110  किलोमीटर लंबी यह नदी सवाई माधोपुर की पहाड़ियों से निकलकर करौली से बहती हुई भरतपुर से आगरा जिले में यमुना में गिर जाती है।

(7) लूनी नदी

यह नदी अजमेर के नाग पहाड़-पहाड़ियों से निकलकर नागौर की ओर बहती है। यह जोधपुर, बाड़मेर और जालौर में बहती हुई यह गुजरात में प्रवेश करती है। अंत में कच्छ की खाड़ी में गिर जाती है। लूनी नदी की कुल लंबाई ३२० किलोमीटर है। यह पूर्णत: मौसमी नदी है। बलोतरा तक इसका जल मीठा रहता है लेकिन आगे जाकर यह खारा होता जाता है। इस नदी में अरावली श्रृंखला के पश्चिमी ढाल से कई छोटी-छोटी जल धाराएँ, जैसे लालरी, गुहिया, बांड़ी, सुकरी जबाई, जोजरी और सागाई निकलकर लूनी नदी में मिल जाती है। इस नदी पर बिलाड़ा के निकट का बाँध सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

(8) मादी नदी

यह दक्षिण राजस्थान मुख्यत: बांसबाड़ा और डूंगरपुर जिले की मुख्य नदी है। यह मध्य प्रदेश के धार जिले में विंध्यांचल पर्वत के अममाऊ स्थान से निकलती है। उदगम् से उत्तर की ओर बहने के पश्चात् खाछू गांव (बांसबाड़ा) के निकट दक्षिणी राजस्थान में प्रवेश करती है। बांसबाड़ा और डूंगरपूर में बहती हुई यह नदी गुजरात में प्रवेश करती है। कुल ५७६ किलोमीटर बहने के पश्चात् यह खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सोम, जाखम, अनास, चाप और मोरन है। इस नदी पर बांसबाड़ा जिले में माही बजाज सागर बांध बनाया गया है।

(9) धग्धर नदी

यह गंगानगर जिले की प्रमुख नदी है। यह नदी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणियों से शिमला के समीप कालका के पास से निकलती है। यह अंबाला, पटियाला और हिसार जिलों में बहती हुई राजस्थान के गंगानगर जिले में टिब्वी के समीप उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवेश करती है। पूर्व में यह बीकानेर राज्य में बहती थी लेकिन अब यह हनुमानगढ़ के पश्चिम में लगभग ३ किलोमीटर दूर तक बहती है। 

हनुमानगढ़ के पास भटनेर के मरुस्थलीय भाग में बहती हुई विलीन हो जाती है। इस नदी की कुल लंबाई ४६५ किलोमीटर है। इस नदी को प्राचीन सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है।

(10) काकनी नदी

इस नदी को काकनेय तथा मसूरदी नाम से भी बुलाते है। यह नदी जैसलमेर से लगभग २७ किलोमीटर दूर दक्षिण में कोटरी गाँव से निकलती है। यह कुछ किलोमीटर प्रवाहित होने के उपरांत लुप्त हो जाती है। वर्षा अधिक होने पर यह काफी दूर तक बहती है। इसका पानी अंत में भुज झील में गिर जाता है।

(11) सोम नदी

उदयपुर जिले के बीछा मेड़ा स्थान से यह नदी निकलती है। प्रारंभ में यह दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती हुई डूंगरपूर की सीमा के साथ-साथ पूर्व में बहती हुई बेपेश्वर के निकट माही नदी से मिल जाती है।

(12) जोखम

यह नदी सादड़ी के निकट से निकलती है। प्रतापगढ़ जिले में बहती हुई उदयपुर के धारियाबाद तहसील में प्रवेश करती है और सोम नदी से मिल जाती है।

(13) साबरमती

यह गुजरात की मुख्य नदी है परंतु यह २९ किलोमीटर राजस्थान के उदयपुर जिले में बहती है। यह नदी पड़रारा, कुंभलगढ़ के निकट से निकलकर दक्षिण की ओर बहती है। इस नदी की कुल लंबाई ३१७ किलोमीटर है।

(14) काटली नदी

सीकर जिले के खंडेला पहाड़ियों से यह नदी निकलती है। यह मौसमी नदी है और तोरावाटी उच्च भूमि पर यह प्रवाहित होती है। यह उत्तर में सींकर व झुंझुनू में लगभग १०० किलोमीटर बहने के उपरांत चुरु जिले की सीमा के निकट अदृश्य हो जाती है।

(15) साबी नदी

यह नदी जयपुर जिले के सेवर पहाड़ियों से निकलकर मानसू, बहरोड़, किशनगढ़, मंडावर व तिजारा तहसीलों में बहने के बाद गुडगाँव (हरियाणा) जिले के कुछ दूर प्रवाहित होने के बाद पटौदी के उत्तर में भूमिगत हो जाती है।

(16) मन्था नदी

यह जयपुर जिले में मनोहरपुर के निकट से निकलकर अंत में सांभर झील में जा मिलती है।

District-wise Rivers of Rajasthan जिलानुसार राजस्थान की नदियां

(1) अजमेर – साबरमती, सरस्वती, खारी, ड़ाई, बनास
(2) अलवर – साबी, रुपाढेल, काली, गौरी, सोटा
(3) बाँसबाड़ा – माही, अन्नास, चैणी
(4) बाड़मेर – लूनी, सूंकड़ी
(5) भरतपुर – चम्बल, बराह, बाणगंगा, गंभीरी, पार्वती
(6) भीलवाडा – बनास, कोठारी, बेडच, मेनाली, मानसी, खारी
(7) बीकानेर – कोई नदी नही
(8) बूंदी – कुराल
(9) चुरु – कोई नदी नही
(10) धौलपुर – चंबल
(11) डूंगरपुर – सोम, माही, सोनी
(12) श्रीगंगानगर – धग्धर
(13) जयपुर – बाणगंगा, बांड़ी, ढूंढ, मोरेल, साबी, सोटा, डाई, सखा, मासी
(14) जैसलमेर – काकनेय, चांघण, लाठी, धऊआ, धोगड़ी
(15) जालौर – लूनी, बांड़ी, जवाई, सूकड़ी
(16) झालावाड़ – काली सिन्ध, पर्वती, छौटी काली सिंध, निवाज
(17) झुंझुनू – काटली
(18) जोधपुर – लूनी, माठड़ी, जोजरी
(19) कोटा – चम्बल, काली सिंध, पार्वती, आऊ निवाज, परवन
(20) नागौर – लूनी
(21) पाली – लीलड़ी, बांडी, सूकड़ी जवाई
(22) सवाई माधोपुर – चंबल, बनास, मोरेल
(23) सीकर – काटली, मन्था, पावटा, कावंट
(24) सिरोही – प. बनास, सूकड़ी, पोसालिया, खाती, किशनावती, झूला, सुरवटा
(25) टोंक – बनास, मासी, बांडी
(26) उदयपुर – बनास, बेडच, बाकल, सोम, जाखम, साबरमती
(27) चित्तौडगढ़ – वनास, बेडच, बामणी, बागली, बागन, औराई, गंभीरी, सीवान, जाखम, माही।

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