Major geographical areas of Rajasthan different name राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों के विभिन्न नाम

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Major geographical areas of Rajasthan different name राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों के विभिन्न नाम

(1)Bhorath / Bhorat Plateau (भोराठ/भोराट का पठार) = It Kumblgd Udaipur district of the central plateau region is part of the Gogunda.

यह उदयपुर जिले के कुम्भलगढ ओर गोगुन्दा के मध्य का पठारी  क्षेत्र का भाग है।

(2)Lasdihya plateau (लासडि़या का पठार)=– This Udaipur district Jaisamanda plateau is part of mutilated beyond.

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यह उदयपुर जिले में जयसमंद से आगे कटा-फटा पठारी क्षेत्र का भाग है।

(3)Girwa (गिरवा)= Udaipur Udaipur district around the contours of the hills is like a basin Tshtrinuma Girwa is called in the local language

यह उदयपुर जिले के चारों ओर पहाडि़यों के कारण उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है जिसे स्थानीय भाषा में गिरवा कहा जाता है

(4)Deshhro(देशहरो)=– यह उदयपुर में जरगा ओर सिरोही के पहाड़ीयों के बीच का क्षेत्र सदा हरा भरा रहने के कारण इनको देशहरो कहा जाता है

(5)Magra(मगरा) = यह उदयपुर जिले का उत्तरी पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र का भाग मगरा कहलाता है।

(6)Uprmalऊपरमालः यह चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोड़गढ़ से लेकर ओर भीलवाडा के बिजोलिया तक का पठारी भाग का क्षेत्र ऊपरमाल कहलाता है।

(7)Nakoda mountains / hills of fiftyनाकोडा पर्वत/छप्पन की पहाडि़याँ  यह बाडमेर जिले के सिवाणा ग्रेनाइट पर्वतीय क्षेत्र का भाग में स्थित गोलाकार पहाड़ीयों का समुह नाकोड़ा पर्वत उसको  छप्पन की पहाड़ीयाँ कहा जाता है

(8)छप्पन का मैदानः– यह बासवाडा जिले ओर प्रतापगढ़ जिले के मघ्य का भू-भाग का क्षेत्र छप्पन का मैदान कहलाता है। इस को मैदान माही नदी बनाती है।(56 गावों का समुह या 56 नालों का समुह) को छप्पन का मैदान कहा जाता है

(9)कांठलः– यह माही नदी के किनारे-किनारे (कंठा) प्रतापगढ़ का भू-भाग का क्षेत्र कांठल है इसलिए माही नदी को कांठल की गंगा कहा जाता है

(10)भाखर/भाकरः– यह पूर्वी सिरोही क्षेत्र में अरावली की तीव्र ढाल वाली ऊबड़-खाबड़ पहाड़ीयों का क्षेत्र के भू-भाग को भाकर/भाखर कहा जाता है

(11)खेराड़ः– यह भीलवाड़ा जिले व टोंक जिले का वो क्षेत्र का भू-भाग जो बनास बेसिन में स्थित है उसको खेराड़ कहा जाता है

(12)धरियनः– यह जैसलमेर जिले के बलुका स्तुप युक्त क्षेत्र  का भू-भाग वहा जनसंख्या ‘न’ के बराबर होती है उसको धरियन कहा जाता है।

(13)Hump bar कुबड़ पट्टीः– यह नागौर जिले के जल में फ्लोराइड़ कि मात्रा अधिक होने के कारण जिससे शारीरिक विकृति(कुब) होने की सम्भावना बढ़ जाती है

(14)लाठी सीरिज क्षेत्रः यह जैसलमेर जिले में पोकरण ओर मोहनगढ्र तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे विस्तृत एक भु-गर्भीय मीठे जल की धार (पेटी) है उसको लाठी सीरिज कहा जाता है। ओर इसी लाठी सीरिज के ऊपर सेवण घास उगती है

(1)राजस्थान के प्रमुख बीहड़ के भू-भाग

(1)सर्वाधिक बीहड़ – धौलपुर जिले में।

(2)मेवातः– उत्तरी अलवर जिले हिस्सा आता है।

(3)कुरूः– अलवर जिले का कुछ हिस्सा आता है

(4)शुरसेनः- भरतपुर, धौलपुर, करौली जिले का हिस्सा आता है।

(5)योद्धेयः– गंगानगर जिले व हनुमानगढ़ जिले का हिस्सा आता है।

(6)जांगल प्रदेशः– बीकानेर जिले तथा उत्तरी जोधपुर जिले का हिस्सा आता है।

(7)गुजर्राजाः– जोधपुर जिले का दक्षिण का भाग।

(8)ढूढाड़ः– जयपुर के आस-पास का क्षेत्र का भाग आता है

(9)अरावलीः– आडवाल का भाग आता है

(10)चन्द्रावतीः– सिरोही जिले व आबु का क्षेत्र का भाग आता है

(2)राजस्थान के प्रमुख पहाडि़याँ

(1)मालखेत की पहाडि़याः= सीकर जिले मे आती है

(2)हर्ष पर्वत= सीकर जिले मे आती है

(3)हर्षनाथ की पहाडि़या = अलवर जिले मे आती है

(4)बीजासण पर्वतः= माण्डलगढ़(भीलवाड़ा) जिले मे आती है

(5)चिडि़या टुक की पहाड़ीः=– मेहरानगढ़(जोधपुर) जिले मे आती है

(6)बीठली/बीठडी= तारागढ़(अजमेर) जिले मे आती है

(7)त्रिकुट पर्व= जैसलमेर(सोनारगढ़) व करौली(कैलादेवी मन्दिर) जिले मे आती है

(8)सुन्धा पर्वत= भीनमाल(जालौर) जिले मे आती है

Note= इस पर्वत पर सुन्धा माता का मन्दिर है इस मन्दिर में राजस्थान का पहला रोप वे लगाया गया है।(दुसरा रोप वे- उदयपुर जिले में स्थित है

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कुबड़ पट्टीः in नागौर

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