Rajasthan’s handicraft राजस्थान की प्रमुख हस्तकला part1
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Rajasthan’s handicraft राजस्थान की प्रमुख हस्तकला part1
(1) सोना, चांदी ज्वैलरी (Gold, Silver Jewellery)
स्वर्ण और चांदी के आभूषण – जयपुर के प्रमुख प्रसिद है
(2)थेवा कला – प्रतापगढ़ (Theva art – Pratapgarh)
कांच पर हरे रंग से स्वर्णिम नक्काशी प्रतापगढ़ के प्रमुख प्रसिद है
(3) कुन्दन कला – जयपुर (Gold art – Jaipur)
स्वर्ण आभुषणों पर रत्न जड़ाई करना जयपुर की प्रमुख प्रसिद है
(4) कोफ्तगिरी – जयपुर, अलवर। (Koftgiri – Jaipur, Alwar)
फौलाद की वस्तुओं पर सोने के तार की जड़ाई करना अलवर की प्रमुख प्रसिद है
(5) तहरिशां – अलवर, उदयपुर की प्रमुख प्रसिद है
डिजायन को गहरा करके उसमें तार की जड़ाई की जाती है
(6) संगमरमर पर हस्तकला (Marble handicraft)
मार्बल की मुर्तियां – जयपुर, थानागाजी(अलवर) की प्रमुख प्रसिद है
रमकड़ा – गलियाकोट(डुंगरपुर) की प्रमुख प्रसिद है
सोपस्टोन को तराश कर वस्तुएं बनाई जाती है
(7) लाख हस्तकला (Million handicraft)
लाख की चुडि़यां – जयपुर, जोधपुर की प्रमुख प्रसिद है
लाख के आभुषण – उदयपुर की प्रमुख प्रसिद है
(8) हाथी दांत हस्तकला (Ivory handicraft)
हाथी दांत की वस्तुएं – जयपुर, भरतपुर, उदयपुर , पाली की प्रमुख प्रसिद है
हाथी दांत एवं चन्दन की खुदाई, घिसाई एवं पेटिग्स – जयपुर की प्रमुख प्रसिद है
(9) बंधेज/टाई– डाई/रंगाइ – छपाई (Tie / tie-dye / Rngai – printing)
.चुनरी – जोधपुर की प्रमुख प्रसिद है
कपड़े पर छोटी – छोटी – छोटी बिन्दिया प्रसिद है
धनक – जयपुर, जोधपुर की प्रमुख प्रसिद है
कपड़े पर बड़ी- बड़ी बिन्दिया की प्रमुख प्रसिद है
लहरिया – जयपुर का प्रमुख प्रसिद है
कपड़े पर एक तरफ से दुसरी तरफ तक धारिया होती है
मोठड़े – जोधपुर की प्रमुख प्रसिद है
कपड़े पर एक दुसरे को काटती हुई प्रमुख धारियां होती है
बेल- बूंटेदार छपाई – सांगानेर(जयपुर) का प्रमुख प्रसिद है
फल-पत्तियां, पशु-पक्षियों की प्रिन्ट – बगरू(जयपुर) का प्रमुख प्रसिद है
(10) गोल्डन प्रिन्ट – कुचामन(नागौर) का प्रमुख प्रसिद है
पोमचा – जयपुर का प्रमुख प्रसिद है
पीले रंग की ओढनी की प्रमुख प्रसिद है
जाजम प्रिन्ट – चित्तौड़गढ़ का प्रमुख प्रसिद है
दाबू प्रिन्ट – अकोला(चित्तौड़गढ़) का प्रमुख प्रसिद है
अजरक प्रिन्ट – बालोत्तरा(बाड़मेर) का प्रमुख प्रसिद है
लाल एवं नीले रंग की ओढ़नी का प्रमुख प्रसिद है
मलीर प्रिन्ट – बालोत्तरा(बाड़मेर) का प्रमुख प्रसिद है
काला एवं कत्थई रंग लालिमा लिये हुए।
(11) राजस्थान की ओढ़नियों के प्रकार (Types of Rajasthan Odhnion)
(a) तारा भांत की ओढ़नी – आदिवासी महिलाएं ओढती है।
(b) कैरी भांत की ओढ़नी – आदिवासी महिलाएं ओढती है।
(c) लहर भांत की ओढ़नी – आदिवासी महिलाएं ओढती है।
(d) ज्वार भांत की ओढ़नी – आदिवासी महिलाएं ओढती है।
(12) राजस्थान की पगडि़यों के प्रकार (Types of turbans of Rajasthan)
(a) उदयशाही, भीमशाही, अमरशाही, चूणावतशाही, जसवन्तशाही, राठौड़ी, मेवाड़ी प्रमुख प्रसिद है
(13) कशीदाकारी (Embroidered)
गोटे का कार्य – जयपुर, खण्डेला(सीकर) का प्रमुख प्रसिद है
गोटे के प्रकार – लप्पा, लप्पी, किरण, गोखरू, बांकली, बिजिया, मुकेश, नक्शी प्रसिद गोटे के प्रकार है
(14) जरदोजी – जयपुर का प्रमुख प्रसिद है
कपड़े पर स्वर्णिम धागे से कढ़ाई का प्रमुख प्रसिद है
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